ज़िन्दगी

सफ़र तुम्हारे साथ बहुत छोटा था
मगर,
यादगार हो गये तुम अब ज़िंदगी भर के लिए।।


ज़रूरी तो नहीं के शायरी वो ही करे जो इश्क में हो,
ज़िन्दगी भी कुछ ज़ख्म बेमिसाल दिया करती है….



कागज पर हमने जिन्दगी लिख दी ।
अश्कोँ से सिँच कर खुशी लिख दी ।
जब दर्द को उभारा हमने लफ़्ज़ोँ पे ,
तो लोगो ने कहा वाह क्या गज़ल लिख दी ।

तूने जिंदगी का नाम तो सुना होगा,
मैने अक्सर तुम्हे इसी नाम से पुकारा है

कुछ लोग हमारी जिन्दगीहोते है....पर जिन्दगी मे नही होते…

न दो किसी को अपनी जिंदगी का इतना हक,
कि. कुछ न रहे बाकि,
उसके चले जाने के बाद....!!!
ज़िन्दगी ज़िन्दगी Reviewed by Dard ki aawaj on July 08, 2018 Rating: 5

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