आशिकी


दिल बेजुबान है तो क्या.....???
तुम यूँ ही तोड़ते रहो

किसी ने ये ना पूछा, 
दर्द की वजह क्या है..
लोग आते रहे, इलाज़ ही बताते रहे..

मुझसे मोहब्बत की है तो निभाने का वादा भी कर,
मैं बिखरना नहीं चाहता टूटे हुये काँच की तरह..

ना आह सुनाई दी, 
ना तड़पदिखाई दी,
बर्बाद हो गए तेरे इश्क में हम,
बड़ीखामोशी के साथ !!

लहू का आँख में आना कोईमज़ाक नहीं...
जो रो रहे हैं उन्हें वाक़ई मोहब्बत है...

तकदीर के खेल है सारे ,
कभी दिलहारे ,
कभी दिल से हार

मैंने अपने दिल से तेरा रिश्ता पूछा ,
कम्बखत कहता है कि, 
जितना मैं उसका हूँ उतना तेरा भी नहीं.।।।
आशिकी आशिकी Reviewed by Dard ki aawaj on July 15, 2018 Rating: 5

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