यादे


मुस्कुराने की आदत कितनी महंगी पड़ी मुझे,
याद करना ही छोड़ दिया
 उसने ये सोचकर कि मैं बहुत खुश हूँ।

चलो एक रिवाज़ पलट दूँ
पहले करूँ ऩिकाह शराब से
फिर तेरी यादों को तलाक़ दूँ...!!

डायरी अब कुछ पुरानी सी हो गयी है.!!!!
मगर उन ग़ज़लों से लिपटी यादें अब भी ताज़ी है.!!!!

मैने खामोशी को लफ्ज़ दिए..
और तुमने लफ्ज़ों को खामोश कर दिया..

मैं भूल सा गया हूँ , तुम्हारे बारे में लिखना आज-कल...
सुकून से तुम्हें सोच सकूँ , इतना भी वक्त नही देती ये जिंदगी...

आँख से आंसू कैसे नीचे गिरने दूँ.?
तेरी यादें मिटटी में मिल जाएँगी...!!


यादे यादे Reviewed by Dard ki aawaj on July 02, 2018 Rating: 5

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