आँखें
दफन कर लेना मुझे अपनी नशीली आंखों
मैं सनम समंझ लेना
ये मेरी आखिरी वसीयत होगी
तुम आईना तो देखते
होंगे........
तो बताओ ना......
बेवफा की आँखे कैसी
होती हैं.......
ये आईने ना दे सकेँगे तुझे तेरे हुस्न की खबर ,
कभी मेरी आंखोँ से आकर पूछ कितनी हसीन है तूँ ।
वो मिले हमको कहानी बन कर ।
दिल में रहे प्यार की निशानी बन कर ।
हम जिन्हे जगह देते रहे सदा इन आंखोँ मे ,
वो अकसर निकल जाते हैँ पानी बन कर ।
मत पूछ की क्यों नजरे झुका लीमैंनेतेरी ही तस्वीर थी इन आँखों में तुझी से हीछुपा ली मैंन
आँखें
Reviewed by Dard ki aawaj
on
July 01, 2018
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