मोहब्बत...........



सोचा था खुदा के सिवा मुझे कोई बर्बाद नहीं कर सकता ,
फिर उनकी मोहब्बत ने, 
मेरे सारे वहम तोड़ दिए.............!!


बरसो बाद भी, तेरी जिद की आदत ना बदली,
काश हम मोहब्बत नहीं, तेरी आदत होते.....


सुना था..मोहब्बत मिलती है, 
मोहब्बत के बदले 
हमारी बारी आई तो,
रिवाज हि बदल गया


वापसी वो भी मोहब्बत की राह से ?
तू राहे इश्क में नया-नया है क्या ?...


मोहब्बत आम चीज़ नहीं जो हर कोई करले ,
पहले यक़ीन करना सीखो, 
फिर मोहब्बत करना...!!!


मोहब्बत भी कटी पतंग जैसी ही है जनाब,
गिरती वहीं है ,जिसकी छत बड़ी होती है.....!!!


इतना भी ना तड़पाओ मुझे
मैँ तो वही शक्स हूँ..
जिससे तुम्हे कभी मोहब्बत हुआ करती थी..


वो मोहब्बत भी कमबख्त क्या 
मोहब्बतथी
जिसमे मोहब्बत ही नहीं थी..


कितनी वाकिफ थी 
वो मेरीकमजोरी से.....
वो रो देती थी और मैँ हार जाता था....!!

कहा मिलेगा तुम्हे मुझ जैसा कोई
जो तुम्हारे सितम भी सहे
और तुमसे मोहब्बत भी करे....

अगर कर ना सको मोहब्बत तो 
मुझ पर बस इतना अहसान करना....
हम जी भर कर चाहेंगे तुम्हे, 
और तुम जी भरकर मुझे बर्बाद करना...!!


मंजर भी बेनूर थे और फिजायें भी बेरंग थी ,
बस तुम याद आए और मौसम सुहाना हो गए


इश्क का बँटवारा रज़ामंदी से हुआ,.
चमक उन्होने बटोरी... तड़प हम ले आए...!!

ज़रूरी तो नहीं के शायरी वो ही करेजो इश्क में हो,
ज़िन्दगी भी कुछ ज़ख्मबेमिसाल दिया करती है…
मोहब्बत........... मोहब्बत........... Reviewed by Dard ki aawaj on July 05, 2018 Rating: 5

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