कुछ ऐहसास
खरीद रहा था मोहब्बत की चादर
बाज़ार ए इश्क़ से ...!!!!!
हुजूम से आवाज़ आयी...
कफन भी लेते जाओ,
अक़्सर यार बेवफा होते है !!
अकेले ही काटना है मुझे जिंदगी का सफर
यूँ पल दो पल मेरे साथ रह कर मेरी आदत खराब ना कर
ना मेरा दिल बुरा था,
न उसमे कोई बुराई थी
सब मुकद्दर का खेल है,
बस किस्मत में जुदाई थी
तलब मौत की करना गुनाह है
ज़माने में
मरने का शौक है तो
मुहब्बत क्यों नहीं करते..
बाज़ार ए इश्क़ से ...!!!!!
हुजूम से आवाज़ आयी...
कफन भी लेते जाओ,
अक़्सर यार बेवफा होते है !!
अकेले ही काटना है मुझे जिंदगी का सफर
यूँ पल दो पल मेरे साथ रह कर मेरी आदत खराब ना कर
ना मेरा दिल बुरा था,
न उसमे कोई बुराई थी
सब मुकद्दर का खेल है,
बस किस्मत में जुदाई थी
तलब मौत की करना गुनाह है
ज़माने में
मरने का शौक है तो
मुहब्बत क्यों नहीं करते..
कुछ ऐहसास
Reviewed by Dard ki aawaj
on
April 26, 2019
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