Shayari
काश गिरफ्तारी तेरी नजरों में होती
तो हम दिल को उम्र कैद की सजा दिलवा देते !!
मुझे क्या करना है तेरे इश्क की कीमत जानकर ,
तेरे भरोसे पे...........बिकना मंजूर है मुझे....!!!
बाक़ी ही क्या रहा है तुझे माँगने के बाद,
बस इक दुआ में छूट गए हर दुआ से हम ...
मनाएं दिल को हम कैसे ख़ुदाया ख़ैर हो जाए....!!
बहोत तक़लीफ़ देता है जो अपना ग़ैर हो जाए...!!
अपनी शामों में हिस्सा फिर किसी को ना दिया.....
इश्क़ तेरे बिना भी मैंने तुझसे ही किया ....!
छोटे से दिल में किस-किस को जगह दूं...
या रब...
गम रहे... फरियाद रहे या फिर उसकी याद रहे...!!
तो हम दिल को उम्र कैद की सजा दिलवा देते !!
मुझे क्या करना है तेरे इश्क की कीमत जानकर ,
तेरे भरोसे पे...........बिकना मंजूर है मुझे....!!!
बाक़ी ही क्या रहा है तुझे माँगने के बाद,
बस इक दुआ में छूट गए हर दुआ से हम ...
मनाएं दिल को हम कैसे ख़ुदाया ख़ैर हो जाए....!!
बहोत तक़लीफ़ देता है जो अपना ग़ैर हो जाए...!!
अपनी शामों में हिस्सा फिर किसी को ना दिया.....
इश्क़ तेरे बिना भी मैंने तुझसे ही किया ....!
छोटे से दिल में किस-किस को जगह दूं...
या रब...
गम रहे... फरियाद रहे या फिर उसकी याद रहे...!!
Shayari
Reviewed by Dard ki aawaj
on
September 25, 2018
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